Total Pageviews

41,899

Monday, 28 May 2012

मेरा कातिल

मैं डूबा तो किनारे पे खड़ी थी दुनिया.............

हँसने वालों में मेरा मुक़द्दर भी शामिल था…......

रो रहा था जो जनाज़े से लिपटकर मेरे.............

कैसे कह दू क़े वही मेरा कातिल था.............


No comments:

Post a Comment